गुरु यंत्र को वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति यंत्र के नाम से भी जाना जाता है तथा अधिकतर ज्योतिषी इस यंत्र का प्रयोग किसी जातक की कुंडली में अशुभ रूप से कार्य कर रहे गुरु की अशुभता को कम करने के लिए अथवा गुरु द्वारा किसी कुंडली में बनाए जाने वाले दोष के निवारण के लिए करते हैं। इसके अतिरिक्त गुरु यंत्र का प्रयोग किसी कुंडली में शुभ अथवा सकारात्मक रूप से कार्य कर रहे गुरु को अतिरिक्त बल प्रदान करने के लिए भी किया जाता है जिससे कुंडली में शुभ गुरु की शक्ति बढ़ने से जातक को अतिरिक्त लाभ प्राप्त होते हैं
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